कवि और कविता -23-Jan-2023

प्रतियोगिता

दिनांक:- 23/01/2023
विषय:- स्वैच्छिक
विधा:- कविता
शीर्षक:- कवि और कविता

कवि और कविता 

कवि कविता कोई मजाक नहीं । 
क्यों हंसे हमारी बातों सुन, 
कुछ समझ में आया खाक नहीं। 
1
यह भाजी दाल का भाव नहीं । 
यह मोल की हुई नाव नहीं । 
क्या कविता लिखना दाल रोटी, 
यह गुड्डा गुड़िया के व्याह नहीं।
वुद्धिमान विवेकी की बिटिया, 
बीमार की कोई खुराक नहीं । 
2
यह छंद बंद का चक्कर है। 
ना हीं कंट्रोल की शक्कर है । 
जो करता तुकबंदी बातों में, 
वह कवि नहीं घनचक्कर है। 
जिसकी ओछी ओछी बातें ,
उसकी ऊंची नाक नहीं। 
3
मनमस्तिक हिमगिरि से निकले । 
यह किसी सत्यता पर पिघले।  
ले वहे विचारों की सरिता, 
नव अलंकारों नवरस उगले। 
यह भावों की गंगा पवित्र ,
जो नहाये फिर नापाक नहीं । 
4
यह किसी किसी को मिलती है। 
जब किस्मत किसी की खुलती है। 
दिनरात सींचता है माली, 
तब एक कली खिलती है । 
कवि कलम कला इसकी जननी, 
किसी मास्टरजी की चाक नहीं। 
5
अब समझ गये तो चुप बैठो। 
अगर गुर्दा है तो फिर ऐठो। 
मत हारो यह हौसला बुलंद ,
आगे आओ भ्रम को मेटो। 
विनोदार्थ विनोदी की कविता, 
यह किसी स्वजन को हांक नहीं। 
कवि कविता कोई मजाक नहीं। 

विनोदी महाराजपुरी

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7 Comments

Priyanka06

24-Jan-2023 10:52 PM

बहुत ही उत्कृष्ट रचनाआदरणीय

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Renu

24-Jan-2023 02:54 PM

👍👍🌺

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